अगले चरण के लिए चीन की विकास प्राथमिकताएं

चीन के राजनीतिक कैलेंडर को दृष्टिगत रखते हुए हर साल एनपीसी और सीपीपीसीसी दो सत्र बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह आने वाले वर्ष और आगामी समय के लिए देश की योजनाओं और प्राथमिकताओं पर चर्चा करने हेतु 5,000 हज...
by प्रसाद खाके
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29 मार्च, 2021: हांगचो, चच्यांग प्रांत में सीटी छवियों के एआई-आधारित विश्लेषण की एक प्रदर्शनी में एक आगंतुक। मौलिक अनुसंधान को मजबूत करने और नवाचार के लिए एक ठोस आधार प्रदान करने के लिए प्रांत प्रयोगशाला प्रणाली को नया आकार देगा। (आईसी)

चीन के राजनीतिक कैलेंडर को दृष्टिगत रखते हुए हर साल एनपीसी और सीपीपीसीसी दो सत्र बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह आने वाले वर्ष और आगामी समय के लिए देश की योजनाओं और प्राथमिकताओं पर चर्चा करने हेतु 5,000 हजार से अधिक एनपीसी के प्रतिनिधियों और सीपीपीसीसी के सदस्यों को इस साल के दो सत्रों के लिए आमंत्रित किया गया था, जो उनकी 14वीं पंचवर्षीय योजना (2021-2025) के अनुरूप भी है। यह मुझे भारतीय संसद में वित्तीय बजट प्रस्तुत करने की याद दिलाता है, जिसमें राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदन शामिल होते हैं, जो आमतौर पर हर साल फरवरी में होता है।

आर्थिक विकास, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन इस वर्ष के एजेंडा में टॉप पर हैं। चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग द्वारा दी गई चीन सरकार की एक कार्य रिपोर्ट में पिछले साल किए गए काम पर प्रकाश डाला गया था, जो कि अनुमानित आर्थिक उथल-पुथल के साथ कोविड-19 महामारी द्वारा प्रभावित एक वर्ष था। चीन ने दोनों मोर्चों पर तेजी से प्रतिक्रिया दी है, जिससे काफी तेज गति से मजबूती के साथ आर्थिक सुधार हुआ और उसके द्वारा उठाए गए कदमों की कार्य साधता को दर्शाता है। चीन ने अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने के लिए बाजार की मांग और आपूर्ति के झटके से निपटने के लिए व्यापक आर्थिक नीतियां तैयार कीं। 2020 में इसका सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) 101.6 ट्रिलियन युआन (लगभग 15.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) तक पहुंच गया, जो 2.3 प्रतिशत है और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। भुगतान संतुलन के संबंध में एक बुनियादी संतुलन बनाए रखा गया था, और विदेशी मुद्रा भंडार 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक रखा गया था।

चीन ने लोगों की भलाई के लिए स्थिर रोजगार की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। 2020 में कुल 11.86 मिलियन शहरी रोजगार सृजित हुए और साल के अंत में सर्वेक्षण की गई शहरी बेरोजगारी दर 5.2 प्रतिशत थी। वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचार ने विकास की गति को बनाए रखने और आर्थिक और सामाजिक इंजनों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पूर्व में वर्तमान गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 98.99 मिलियन ग्रामीण निवासियों को गरीबी से बाहर निकाला गया था, और देश भर के सभी 832 गरीब काउंटी और 128,000 गरीब गांवों में से पूर्ण गरीबी समाप्त कर दी गई है।

पिछले साल चीन ने जो किया उसे देखते हुए हमें यह भी देखना होगा कि चीन की अपने भविष्य के लिए क्या योजनाएं हैं। विचार-विमर्श के तहत 14वीं पंचवर्षीय योजना अगले पांच वर्षों के लिए एक रोडमैप के रूप में कार्य करेगी और यह रोडमैप विकास की प्राथमिकताओं को स्पष्ट करती है। कहने की जरूरत नहीं है कि इस योजना पर विस्तार से चर्चा की गई है और जिन मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है उनमें स्वस्थ आर्थिक विकास को बनाए रखना, नवाचार-संचालित उद्योग परिवर्तन को बढ़ावा देना, साथ ही शहरीकरण, ग्रामीण पुनरोद्धार और शहरी-ग्रामीण समन्वित विकास शामिल हैं। क्षेत्रीय विकास में सुधार और हरित विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ ये रणनीतिक क्षेत्र प्रमुख हैं।

जहां चीन अपने एजेंडे के साथ आगे बढ़ना जारी रखता है, वहीं भारत भी एक पुनरुद्धार यात्रा पर है चाहे वह आर्थिक मंदी से बाहर आ रहा हो या अपने लोगों को तेजी से टीकाकरण कर रहा हो। भारत के वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट ने छह स्तंभों- स्वास्थ्य और भलाई,फिजिकल और वित्तीय पूंजी और बुनियादी ढांचे, आकांक्षी भारत का समावेशी विकास, मानव पूंजी (ह्यूमन कैपिटल )को फिर से मजबूत करना, नवाचार और अनुसंधान एवं विकास, और न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन" पर दृष्टिकोण को साझा किया। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत का राजकोषीय घाटा उसके सकल घरेलू उत्पाद का 9.5 प्रतिशत है और 2021-22 में 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए इसकी वास्तविक जीडीपी क्रमश: 140.03 ट्रिलियन रुपये और 145.69 ट्रिलियन रुपये थी, जो साल-दर-साल 4 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाती है।

भारत और चीन दोनों ही वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और आर्थिक सुधार का प्रयास कर रहे हैं, दोनों ही देशों को उनके रास्ते पर चलते हुए देख खुशी होती है।

लेखक पुणे, भारत में एक उद्यमी हैं, जिन्होंने शनचन, चीन में चीनी विनिर्माण पेशेवरों के साथ काम किया है। वह वैश्वीकरण के रुझान, आपूर्ति श्रृंखला, विनिर्माण और व्यापार के एक उत्सुक शिक्षार्थी हैं।