निवेशकों के लिए प्रारंभिक अवसर

चीन की आर्थिक स्थिति और नीतियों के बारे में बता कर सरकार अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए पारदर्शिता और स्थिरता तथा देश के आर्थिक विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय अपेक्षाओं पर खरा उतरने का लक्ष्य रखा।
by बिकाश काली दास
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नवम्बर 2020 में शनचन में आयोजित चाइना हाई-टेक मेले में दुनिया भर के अग्रणी हाई-टेक उद्यम और स्टार्ट-अप्स शामिल हुए। (कुओ शाशा / चीन सचित्र)

आगामी वर्ष के आर्थिक और सामाजिक नीतियों के निर्धारण के लिए चीनी सरकार द्वारा केंद्रीय आर्थिक कार्य सम्मेलन (सेंट्रल इकोनॉमिक वर्क कांफ्रेंस) की वार्षिक बैठक आयोजित होती है। दिसंबर 2022 में सेंट्रल इकोनॉमिक वर्क कांफ्रेंस का मुख्य लक्ष्य 2022 में देश के आर्थिक प्रदर्शन की समीक्षा करना, वर्तमान आर्थिक परिस्थिति का आकलन करना और अर्थव्यवस्था के भविष्य के विकास की योजना निश्चित करना था। इस समीक्षा ने चीन की आर्थिक स्थिति की स्पष्ट समझ दी और नीतिनिर्धारकों को उन संभावित चुनौतियों या समस्याओं से अवगत कराया, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

 

सम्मेलन में निरंतर आर्थिक उन्नति बनाये रखने, ढांचागत सुधार को बढ़ावा देने और लोगों के जीवन में सुधार, बाहर की दुनिया के लिए उच्चस्तरीय खुलेपन को प्रोत्साहित करने को जारी रखने पर जोर देने के उपायों पर चर्चा की। यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम साल 2023 में चीन के आर्थिक विकास और आर्थिक नीति की दिशा तय करेगा।

स्थिर आर्थिक प्रदर्शन

 

नेशनल ब्यूरो ऑफ़ स्टैटिस्टिक्स द्वारा 27 दिसंबर 2022 को जारी किये गए हाल के आंकड़ों के अनुसार 2021 में आर्थिक प्रदर्शन के मामले में चीन की जीडीपी 8.4 प्रतिशत से बढ़कर 1149.2 खरब युआन (165.2 खरब यूएस डॉलर) हो गयी। और यह आंकड़े साल 2022 में कम से कम 4.4 फ़ीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है। बीते समय में चीन द्वारा दो अंकीय उन्नति दर की तुलना में यह धीमी गति का विकास था लेकिन यह फिर भी दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में काफ़ी बेहतर था।

 

चीन की अर्थव्यवस्था मजबूत घरेलु मांग से समर्थित है। तय संपत्तियों में निवेश और उपभोक्ता व्यय दोनों उन्नति में योगदान कर रहे हैं। हालांकि, अमेरिका से चल रहा व्यापार तनाव और कोविड-19 महामारी से वैश्विक मांग में आयी कमी जैसे बाहरी कारकों की वजह से भी अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। हाल के एक अनुसंधान लेख में मॉर्गन स्टैनले ने 2023 में चीन की जीडीपी वृद्धि को 5 फ़ीसदी से बढ़ाकर नया अनुमान 5.4 फ़ीसदी कर दिया है। वल्ल स्ट्रीट कंपनी के अनुसार चीन की आर्थिक गतिविधियां 2023 के दूसरे तिमाही में महामारी पूर्व स्तर पर पहुंच जाएगा और साल के अंत तक बढ़ता जाएगा।

 

सरकार द्वारा आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने के लिए उठाये गए चीन का आर्थिक प्रदर्शन संपूर्ण रूप से स्थिर है। चीन सरकार ने देश के बाजार को खोलने की कोशिश की है आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने के लिए विदेशी निवेश के लिए दोस्ताना माहौल तैयार किया है। यह कारोबार के माहौल को सुधारने के लिए प्रवेश से जुड़े रुकावटों को कम करने, पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने, और विदेशी कारोबारों की सुरक्षा के लिए कानूनी एंव नियामक रुपरेखा को बेहतर करने जैसे कदम उठाये हैं। सरकार ने दीर्घकाल में अधिक टिकाऊ और संतुलित वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अर्थव्यवस्था में कर्ज बढ़ने और कुछ क्षेत्रों में अति क्षमता जैसे ढांचागत मुद्दों को हल करने पर ध्यान दिया है। विश्व की अर्थव्यवस्था में चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और प्रमुख देश है। चीनी सरकार के सामने चुनौतियां और समस्याएं हैं लेकिन वह फिर भी वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदाता बना हुआ है। चीन ने हाल के सालों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त की है। इनमें तेज आर्थिक वृद्धि, सुधारित जीवन का दर्जा और बढ़ता वैश्विक प्रभाव शामिल हैं।

 

पिछले कुछ दशकों से चीन के तेजी से हो रहे आर्थिक उन्नति की वजह से जीडीपी 10 फ़ीसदी की औसत वार्षिक दर से बढ़ रही है। इससे चीन के लाखों लोग गरीबी रेखा से बाहर आ गये हैं और चीन के वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाने में भी योगदान किया है। तेज गति से हुए विकास ने चीन के लोगों का जीवन स्तर सुधारा है। प्रति व्यक्ति आय महत्वपूर्ण रूप से बढ़ गयी है और देश ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में काफ़ी प्रगति की है। यह संयुक्त राष्ट्र और विश्व व्यापार संगठन जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों में प्रमुख खिलाड़ी बन गया है। चीनी सरकार इन उपलब्धियों और अनुभवों को बाकी दुनिया से साझा करने के लिए उत्सुक है और एक समान विकास को बढ़ावा देना चाहती है।

 

चीन की अर्थव्यवस्था में विदेशी कंपनियों का भरोसा

 

चीन की आर्थिक स्थिति और नीतियों के बारे में बता कर सरकार अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए पारदर्शिता और स्थिरता तथा देश के आर्थिक विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय अपेक्षाओं पर खरा उतरने का लक्ष्य रखा। यह अनिश्चितताओं को कम कर चीनी अर्थव्यवस्था में अंतरराष्ट्रीय विश्वास को बढ़ाएगा, जो बदले में विदेशी निवेश आकर्षित करेगा। आर्थिक वृद्धि में अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश के महत्त्व को समझकर चीनी सरकार ने विदेशी कारोबारों के लिए बाजार में उतरने के लिए अधिक अवसर निर्माण किये हैं। जहां वे घरेलू कंपनियों के साथ आपसी लाभ पर सहयोग करेंगे। 

 

चीन की अर्थव्यवस्था टूट रही है या चीन से विदेशी निवेश जाने के दावों में रत्ती भर भी दम नहीं है। यह सच है कि कोविड-19 महामारी से चीन में कुछ विदेशी कारोबारों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ा था, लेकिन कुल मिलाकर विदेश निवेश स्थिर रहे हैं। व्यापार एंव विकास पर संयुक्त राष्ट्र कांफ्रेंस के आंकड़ों के मुताबिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पिछले एक दशक से निरंतर बढ़ता जा रहा है।  देश की सुदृढ़ आर्थिक वृद्धि और बाजार की विशाल संभावनाएं विदेशी निवेश को आकर्षित करना जारी रखा है। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, चीनी मुख्य भूमि में वास्तविक उपयोग में एक साल में एफडीआई बढ़कर 9.9 फ़ीसदी हो गयी जो साल 2022 के पहले 11 महीने में करीब 11.6 खरब युआन (169.13 अरब यूएस डॉलर) है। पिछले साल से एफडीआई 12.2 फ़ीसदी बढ़कर 178 अरब यूएस डॉलर पहुंच गयी।

 

सेवा उद्योग में साल दर साल एफडीआई की अवाक 0.9 फ़ीसदी तक बढ़ गयी जो 842.61 अरब युआन (122.85 अरब यूएस डॉलर) है। वहीं पिछले साल की तुलना में उच्च-तकनीक उद्योग में 31 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी देखी। विशेषरूप से, उसी दौर में एक साल पहले उच्च-तकनीक उत्पाद में एफडीआई बढ़कर 58.8 फ़ीसदी हो गई जबकि उच्च-तकनीक सेवा क्षेत्र में साल दर साल 23.5 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी हुई। इस दौरान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, ब्रिटेन और जापान से क्रमशः 122 फ़ीसदी, 52.6 फ़ीसदी, 33 फ़ीसदी और 26.6 फ़ीसदी बढ़ा है। देश के केंद्रीय क्षेत्र में एफडीआई निवेश में साल-दर-साल वृद्धि 28.6 फ़ीसदी हुई। उसके बाद पश्चिम क्षेत्र में 24.6 फ़ीसदी और पूर्वी क्षेत्र में 7.7 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी।

 

व्यापार प्रोत्साहन देनेवाली देश की सबसे बड़ी संस्था चाइना कॉउन्सिल फॉर द प्रमोशन ऑफ़ इंटरनेशनल ट्रेड (सीसीपीआईटी) के अनुसार चीन में सर्वेक्षण में भाग लेने वाली 99 फ़ीसदी से अधिक कंपनियों ने साल 2023 की आर्थिक रुपरेखा में भरोसा जताया है। इस भरोसे का एक कारण चीन द्वारा कांफ्रेंस में उच्च-स्तरीय मुक्तता को लेकर समर्पण भी है जहां विदेशी पूंजी को आकर्षित करने व उपयोग, बाजार में प्रवेश को बढ़ाना, आधुनिक सेवा क्षेत्र को और अधिक खोलना, और विदेशी-निवेश वाली कंपनियों के साथ अपनेपन के बर्ताव की योजना के बारे में बताया गया।

 

चीन में करीब 91 फ़ीसदी कंपनियां कोविड-19 को लेकर देश की कार्रवाई को लेकर सकारात्मक हैं। हाल में सीसीपीआईटी द्वारा किये गए 160 विदेशी कंपनियों, वाणिज्य प्रकोष्ठों और संस्थानों के एक सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 98.7 फ़ीसदी जवाब देने वालों ने कहा कि वे रुकेंगे और चीन में निवेश को बढ़ाएंगे। इसके आलावा, सर्वे में 89.8 फ़ीसदी लोगों ने खुलासा किया कि वे अपने स्थानीय उद्द्योग श्रृंखलाओं को जारी रखेंगे, जबकि 10.2 फ़ीसदी ने बाहर के उद्योगों को चीन में लाने की इच्छा जताई है। यह सर्वेक्षण चीन की अर्थव्यवस्था के लचीलेपन और उसके मजबूत, विस्तृत, बाजार की संभावनाओं में प्रतिस्पर्धा लाभों, उद्योग प्रणाली, सुविधाएं, और व्यापार माहौल के बारे में काफ़ी कुछ कहता है।

 

लेखक सु फंचेन्ज कल्चर स्टडी सेण्टर के संस्थापक और निदेशक हैं तथा पॉन्डिचेरी इंडिया-चाइना फ्रेंडशिप एसोसिएशन के महासचिव हैं।